उज्जैन के चरक अस्पताल में डेढ़ वर्ष के मासूम की छाती पर जलने के क्रॉस के निशान के बाद यह बात सामने आई थी कि उसे गर्म सलाखों से जलाकर टोना टोटका किया गया है लेकिन इस बात की पुष्टि पुलिस को अभी तक नहीं हो सकी है।

जांच के लिए गांव में पहुंची पुलिस की टीम।

पुलिस ने माचिस की तीली से जली बच्चे की टी शर्ट भी जप्त की है ।

उज्जैन के चरक अस्पताल में थाना महिदपुर रोड के अंतर्गत गांव किशन खेड़ी में रहने वाले डेढ़ वर्ष के मासूम सोनू को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। बच्चे की छाती पर जलने के निशान थे और क्रॉस बना हुआ था । इस जलने के निशान को देखकर यह बताया गया था कि बच्चे को निमोनिया था और अंधविश्वास के चलते किसी और ओझा या तांत्रिक से बच्चों की छाती पर गर्म सरिया से डाम दिलवाकर भी परिवार वालों ने इलाज किया है। इस मामले में लगातार बच्चों के परिजन बच्चों को गर्म सलाखों से जलने की बात के लिए इंकार करते रहे और उन्होंने कहा कि हमने किसी ओझा या तांत्रिक को नहीं दिखाया है । इस संबंध में जांच के लिए बच्चे के गांव किशन खेड़ी पहुंची महिदपुर रोड थाने की पुलिस करीब 3 घंटे तक गांव में रुकी और अलग-अलग लोगों से चर्चा की जांच के बाद लौटे महिदपुर रोड थाने के थाना प्रभारी मदन पाल सिंह पंवार ने बताया कि हमारे द्वारा गांव के 25 से 30 लोगों से चर्चा की गई सभी ने यह बताया कि यह परिवार इस तरह का नहीं है कि तंत्र क्रिया बच्चे के साथ नहीं करे। आसपास में रहने वाले परिजनों ने बताया कि बच्चे के इलाज पर करीबन 1लाख रुपए से अधिक परिवार खर्च कर चुका है। पड़ोसियों ने कभी किसी तांत्रिक को या किसी अनजान व्यक्ति को घर में आते-जाते भी नहीं देखा। गांव में बात करने पर यही निष्कर्ष निकला कि बच्चे के ऊपर घर में अन्य 4 वर्षीय बच्चे ने जलती तीली फेंक दी थी इसलिए यह घटना हुई थाना प्रभारी ने पीड़ित डेढ़ वर्षीय बच्चे सोनू को घटना वाला दिन पहनी बनियान भी जप्त की है जिसमें तीली से जलने का छेद हैं। थाना प्रभारी ने जांच के बाद पुलिस अधिकारियों को एक प्रतिवेदन बनाकर भी दिया है जिसमें पूरी घटना का विवरण दिया है। अब माना जा रहा है कि बच्चे के साथ किसी तांत्रिक या ओझा द्वारा जलाकर निशान नहीं दिए गए हैं।