उज्जैन. चुनाव में ड्यूटी नहीं करने के लिए करीब 500 से अधिक कर्मचारियों ने तरह-तरह के तरीके अपनाए बीमारी के बहाने बनाए लेकिन मेडिकल बोर्ड के सामने हकीकत का खुलासा हुआ बीमारी नहीं फिटनेस सामने आई अब ऐसे 325 कर्मचारियों को तो चुनाव की ड्यूटी करना ही पड़ेगी. गंभीर 175 लोगों को छूट दी गई है।
विधानसभा चुनाव में मतदान सामग्री वितरण और मतगणना का कार्य करने के लिए जिला प्रशासन ने 7 विधानसभा में करीब 8000 से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है लेकिन कहीं कर्मचारी ऐसे हैं जो दुर्दशा के इलाकों में जाकर दिन-रात की ड्यूटी नहीं करना चाहते हैं इस चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए उन्होंने तरह-तरह के हथकंडे अपना है लेकिन जिला प्रशासन ने भी इस बार कमर कसकर सच्चाई का खुलासा करने के लिए मेडिकल बोर्ड बैठा रखा है जिसमें चार तरह के विशेषज्ञ बीमारी का बहाना लेकर आ रहा है कर्मचारियों का वास्तविक परीक्षण कर रहे थे और फिट पाए जाने पर ड्यूटी भी करना पड़ रही है विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 500 कर्मचारियों ने बीमारी का बहाना बनाकर ड्यूटी से बचने का आवेदन दिया था लेकिन 325 के करीब कर्मचारियों के झूठ का खुलासा हुआ और उन्हें आप ड्यूटी पर तैनात किया गया है. अभी भी ड्यूटी कैंसिल करने के आवेदन लगातार आ रहे हैं अपर कलेक्टर प्रीति यादव ने बताया प्रतिदिन आवेदन आते जा रहे हैं और वास्तविक रूप से जिन्हें गंभीर बीमारी है या उनके कारण उचित है तो उन्हें चुनाव ड्यूटी से छूट दी जा रही है बहन करने वाले कर्मचारियों को किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जाएगी. चुनाव में जिनकी ड्यूटी लगाई गई है उसके अलावा 10 प्रतिशत रिज़र्व कर्मचारियों को भी चुनाव के लिए प्रशिक्षित किया गया है जिसकी ड्यूटी कैंसिल होगी उसकी जगह पर रिजर्व कर्मचारियों में से ड्यूटी लगाई जाएगी।