उज्जैन जिले के औद्योगिक शहर नागदा को जिला बनाने की मांग को लेकर नागदा से भोपाल तक पैदल पदयात्रा लेकर निकले यात्री आज उज्जैन पहुंचे बाबा महाकाल के दर्शन के बाद सभी ने महाकाल से विनती की है की हे बाबा महाकाल अब हमारी सुन लो ।
नागदा को जिला बनाओ पदयात्रा के प्रमुख बसंत मालपानी ने उज्जैन में कहा कि लोकतंत्र में जनता का जनमत सर्वमान्य होता है। आज नागदा की करीब 100 संस्थाओं के मांगपत्र और हजारों शहरवासियों का जनमत संग्रह व उनके द्वारा यात्रा प्रारंभ करने के मिले समर्थन के साथ नागदा के हक की आवाज उठाने और नागदा को जिला बनाने की मांग लेकर मुख्यमंत्री के निवास पर पदयात्रा कर भोपाल जा रहा हूँ। नागदा जिला बने ये हमारा हक भी है क्योंकि हर वर्ष सरकार को करीब हम 1 हजार करोड़ रुपए रेवेन्यू देते हैं लेकिन उसके अनुपात में हमारे शहर को सरकार से विकास कार्य नहीं मिल पाता। उसका एक ही कारण है सरकार की काफी योजनाएं जिला स्तर पर ही सिमट के रह जाती और हम नागदावासी वंचित रह जाते है।
नागदा को जिला बनाने की मांग को लेकर नागदा से भोपाल तक 255 किमी की पूर्णतः गैर राजनैतिक पदयात्रा के संयोजक बसंत मालपानी ने कहा हमारा नागदा जिले बनने के सभी मापदंडों पर खरा उतरता है। नागदा से भारत के हर मेट्रों शहरों एवं राज्यों की राजधानी हेतु सीधे रेल सुविधा उपलब्ध है। नागदा का सड़क मार्ग से देश के हर क्षेत्र से जुड़ाव है। नागदा में पेयजल की भरपूर उपलब्धता है, नागदा एक औद्योगिक शहर है, बिड़ला घराने की निजी हवाईपटटी है। राजा जन्मेजय के ऐतिहासिक महत्व का शहर है, राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों की शाखा व बीमा कंपनियों के ऑफिस यहा स्थित है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव 18 मार्च 2020 को ही पास हो चुका था, जो अब तक अस्तित्व में है। जिसकी जानकारी आर टी. आई. के माध्यम से सामने आ चुकी है। नागदावासियों की मुख्यमंत्री शिवराजसिंहज चौहान से यही मांग है कि नागदा को जिला बनाया जाए । इस पदयात्रा में मालपानी के साथ नागदा से 10 अन्य पदयात्री दिलीप फतरोड, चेतन नामदेव, श्रवण सोलंकी, जुम्मन खान, अनिल भाट, आरिफ खान, नागेश्वर सोलंकी, आकाश शर्मा, शशिकांत सोलकी, लाखन परमार भी नागदा से भोपाल तक की पदयात्रा कर रहे है।
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