उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बुधवार की शाम को प्रशासनिक संकुल के सभाकक्ष में शहर के समस्त होटल संचालकों के साथ बैठक की। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, एएसपी अभिषेक आनन्द, नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, एडीएम अनुकूल जैन, प्रशासक महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति संदीप सोनी, खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी और सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के पश्चात काफी संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर, महाकाल लोक और उज्जैन के अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थलों के दर्शन के लिये आते हैं। ऐसे में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से कुछ होटल संचालकों द्वारा मनमाने तरीके से होटल में ठहरने का किराया वसूलने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। अत: सभी होटल संचालक अपने होटल के रिसेप्शन काउंटर पर रेटलिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा करें। रेटलिस्ट होटल में चौबीस घंटे ठहरने के अनुसार बनाई जाये। किराया क्या होना चाहिये, यह होटल एसोसिएशन आपस में बैठक आयोजित कर तय करे। साथ ही प्रशासन को भी सूची उपलब्ध करवायें। इसके अतिरिक्त यह भी संज्ञान में आया है कि महाकाल लोक के आसपास संचालित किये जा रहे बहुत-से होटल में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है।
कलेक्टर ने कहा कि होटल संचालन के लिये फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। ज्यादातर आगजनी की वजह शॉर्ट सर्किट होती है। उज्जैन में ज्यादातर होटल्स छोटे स्तर पर संचालित हैं। इनमें अधिकतर होटल ऐसे हैं, जिनमें कमरों की संख्या 50 से कम है तथा जिनके भवन की ऊंचाई 15 मीटर से कम है। ऐसे होटल्स के संचालक किसी निजी इंजीनियर से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट इशू करवा सकेंगे तथा उन्हें अगले 15 दिन के अन्दर होटल के रिसेप्शन काउंटर पर सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से चस्पा करना होगा। कलेक्टर ने एमपीईबी के अधिकारियों को निर्देश दिये कि समय-समय पर होटल्स में विद्युत लोड भी चेक किया जाये। होटलों में वायरिंग कमर्शियल आधारित की जाये। होमस्टे संचालक भी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट अनिवार्यत: बनवायें।
कलेक्टर ने कहा कि होटल में ठहरने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी होटल संचालकों की है। अत: फायर सेफ्टी नॉर्म्स की पूर्ति करना अनिवार्य है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार का खतरा न हो, यह सुनिश्चित किया जाये।
कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिये कि जो श्रद्धालु उज्जैन दर्शन के लिये आते हैं, उनके पास भगवान महाकालेश्वर की भस्म आरती, गर्भगृह में दर्शन व्यवस्था आदि की पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। इसके लिये प्रशासन द्वारा एक पेम्पलेट बनाया गया है, जिसमें भगवान महाकालेश्वर की दर्शन व्यवस्था की सम्पूर्ण जानकारी है। सभी होटल संचालक रिसेप्शन काउंटर पर यह पेम्पलेट अनिवार्य रूप से चस्पा करायें।
कलेक्टर ने कहा कि होटल संचालक अपने यहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं को समय-समय पर इसकी जानकारी देते रहें कि यदि भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिये किसी व्यक्ति द्वारा रुपयों की मांग की जाती है तो तुरन्त इसकी शिकायत ई-मेल के माध्यम से की जाये। ऐसे सभी होटल जिनमें खाद्य पदार्थ जैसे भोजन, नाश्ता आदि दिये जाते हैं, वहां खाद्य लायसेंस एफएसएसएआई का प्रदर्शन अनिवार्य रूप से काउंटर पर किया जाये। सभी होटल संचालक किचन की साफ-सफाई, प्रमाणित लेब से पानी की जांच और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता परीक्षण आदि नियमानुसार करवायेंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि होटल में घरेलू सिलेण्डर का उपयोग न हो।
कलेक्टर ने होटल संचालकों को निर्देश दिये कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रति होटल का स्टाफ अच्छा व्यवहार रखें। रिसेप्शन काउंटर पर होटल के मालिक और संचालक की जानकारी और मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से चस्पा की जाये। श्रद्धालुओं से जो भी किराया लिया जा रहा है, उसके अनुसार उन्हें सुविधाएं भी दी जायें।
पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने होटल संचालकों को निर्देश दिये कि सभी होटल्स में अनिवार्यत: सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल हों और डीवीआर को सुरक्षित रखा जाये। स्टोरेज इस प्रकार हो कि अप्रिय घटना होने की स्थिति में कम से कम 15 दिन का डाटा छानबीन के दौरान प्राप्त हो सके। होटल संचालक होटल में आने वाले सभी आगन्तुकों की आईडी और अन्य आवश्यक दस्तावेज अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध लग रहा हो तो इसकी सूचना तुरन्त पुलिस को दी जाये।
ऑनलाइन बुकिंग वेब साइट्स पर होटल के लैंडलाइन नम्बर और रिसेप्शन तथा अन्य स्टाफ के नम्बर अप-टू-डेट रखे जायें। होटल का स्टाफ अच्छे-से प्रशिक्षित हो तथा आगन्तुकों से अच्छा व्यवहार करे, ताकि वे अच्छा अनुभव लेकर यहां से जायें।