उज्जैन रेलवे स्टेशन के सामने 5 मंजिला होटल चंद्रगुप्त में लगी आग के बाद हुई जांच में पाया गया था कि होटल मालिक द्वारा बगैर फायर एनओसी के वर्षों से होटल संचालित की जा रही थी नगर निगम द्वारा होटल को सील कर दिया गया था। आज मंगलवार सुबह नगर निगम कमिश्नर रोशन सिंह स्वयं नगर निगम अमले के साथ महाकाल मंदिर के आसपास बनी होटलों में पहुंचे और फायर एनओसी चेक की कमिश्नर ने सख्त निर्देश दिए थे कि जिन होटलों के पास में फायर एनओसी नहीं मिले उन्हें तत्काल सील कर दिया जाए । सुबह अचानक निरीक्षण करने पहुंचे नगर निगम कमिश्नर ने महाकाल और बेगम बाग क्षेत्र की 3 होटलों पर फायर एनओसी मांगी लेकिन तीनों पर ही फायर एनओसी नहीं थी। नगर निगम कमिश्नर ने निगम और फायर अमले को तीनों होटल सील करने के आदेश दिए हैं

इस संबंध में नगर निगम के अपर आयुक्त आदित्य नगर ने बताया कि शासन के नियमानुसार 9 मीटर लगभग 30 फीट ऊंचाई या ग्राउंड फ्लोर 500 वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण की कमर्शियल होटल या हस्पिटल है उन्हें फायर एनओसी आवश्यक हैं। लेकिन जो होटल या हॉस्पिटल 9 मीटर लगभग 30 फीट कम के दायरे में आते हैं उन्हें फायर एनओसी का ऑडिट और अन्य फायर से संबंधित इंतजाम कर होटल में फायर विभाग से नगर निगम का प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होता है । अगर नगर निगम के नियम को देखें तो उज्जैन की लगभग 60% होटलें होंगी जो नगर निगम की कार्रवाई की जद में आएगी। नगर निगम अधिकारी श्री नागर ने बताया कि प्रथम जांच में सभी से फायर एनओसी के डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे अगर उनके द्वारा फाइल अनुमति के लिए लगाई गई है और एनओसी नहीं मिली है तो एनओसी दिलाने का कार्य किया जाएगा और अगर एनओसी नहीं है फायर ऑडिट नहीं है तो इस संबंध में आगे कार्रवाई की जाएगी ।