मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्राह्मणों को लेकर बड़ा ऐलान किया था। सीएम शिवराज ने भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि अब मंदिरों से लगी जमीनों की नीलामी कलेक्टर नहीं कर सकेंगे. बल्कि इन जमीनों की नीलामी अब मंदिर से जुड़े पुजारी कर पाएंगे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा प्रदेश के मंदिरो की जमीनों को लेकर निलामी करने की बात पर महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने कहा की जमीन की निलामी का निर्णय बदलना चाहिए मंदिर की भूमि को नीलाम करने का अधिकार किसी को भी नहीं देना चाहिए। भूमि नीलामी की जगह मंदिर पुजारी को ही मंदिर की भूमि शासन निर्धारित करें उतना शुल्क नियम अनुसार मंदिर पुजारी से लेकर मंदिर पुजारी को ही मंदिर की जमीन सालाना के हिसाब से दे देनी चाहिए। मंदिर की भूमि से राज्य शासन के राजस्व की बढ़ोतरी भी होगी। उन्होंने बताया कि शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर के पुजारीयों का मानदेय 5 हजार रुपए बढ़ाया है और मंदिरों का शासकीय करण हटाने की बात कही है उसका हम सम्मान करते हैं। और हमारी ओर से उन्हें साधुवाद देते हैं। लेकिन उन्होंने मंदिरों की भूमि नीलामी को लेकर जो यह कहा है की मंदिरों की जमीन की नीलामी अब मंदिर पुजारी द्वारा की जाएगी । उसके बदले जमीन को नीलामी प्रथा से दूर रखना चाहिए ।यह हमारी मांग को संपूर्ण रुप से पूरा करना नहीं है। पुजारी महासंघ द्वारा कई वर्षों से मंदिर की जमीन को नीलामी प्रथा दूर करने के लिए मांग की जा रही थी जिस पर उन्होंने हमारी आधी अधूरी मांग मानी। मुख्यमंत्री द्वारा मंदिर के पुजारियों को ही मंदिर की जमीन नीलाम करने का अधिकार दे दिए जाने की बात कही आपने कहा कि मंदिर की जमीन नीलाम ना करते हुए मंदिर पुजारी को ही जमीन दे दी जाए और उनसे सालाना शुल्क ले लिया जाए जिससे मंदिर व राज्य शासन दोनों का ही फायदा होगा ।
पं.महेश पुजारी अध्यक्ष अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ।