तीन मासूम बच्चों का स्वास्थ्य खराब होने के बाद इन बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाने की बजाय परिवार तांत्रिकों के पास ले गया। तांत्रिक ने भी इलाज तो नहीं किया इन बच्चों को गर्म सलाखों से दाग दिया। जब स्वास्थ्य ठीक नहीं हुआ तो परिजन बच्चों का अस्पताल लेकर पहुंचे ।
झाबुआ जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में तीनों बच्चे भर्ती हैं। इन सभी के सीने और पेट पर गर्म सलाखों से दागने के निशान हैं। आदिवासी इसे डामना कहते हैं। बच्चों को सर्दी, जुकाम और निमोनिया से ग्रसित होने पर घर पर इलाज किया फर्क नहीं पड़ने पर अस्पताल ले जाने की बजाय परिजन तांत्रिक के पास ले गए। तांत्रिक ने भी गर्म लोहे के सरियों से दाग दिया और घर भेज दिया। जब बच्चों की हालत खराब हुई तो परिवार वाले अस्पताल लेकर आए। अब इनका उपचार किया जा रहा है।