भोपाल के बड़े तालाब में एक ऐसी मछली मिली है, जो कि भोपाल तो क्या पूरे देश में कहीं नहीं पाई जाती है। इस मछली का नाम एलीगेटर गार है और यह मछली अमेरिका में पाई जाती है। दरअसल, भोपाल के खानूगांव निवासी अनस खान खानूगांव से तालाब के किनारे पर मछली पकड़ने गए थे। इस दौरान उनके कांटे में एक मछली फंसी, यह मछली अन्य मछलियों से एकदम अलग थी। करीब ढाई किलो वजनी और डेढ़ फीट लंबी इस मछली का मुंह मगरमच्छ के जबड़े जैसा है। बड़े तालाब में पहली बार इस तरह की मछली मिली है। देखने में हूबहू मगरमच्छ जैसी दिखने वाली ये मछली एलिगेटर गार है। इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहते हैं।
भोपाल में जो मछली मिली है उसकी लंबाई तकरीबन डेढ़ फीट के आसपास है, जबकि इस प्रजाति की मछली की लंबाई 10 से 12 फीट के बीच होती है और इसकी उम्र तकरीबन 20 साल हाेती है। बताते हैं ये खतरनाक टाइप की होती है और मनुष्य पर भी हमला कर सकती है।
फिशिंग एक्सपर्ट का कहना है कि भोपाल में यह मछली बड़े तालाब में कैसे आई, कहां से आई इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन अंदाजा यह लगाया जा सकता है कि भोपाल में कोलकाता और आंध्र प्रदेश से मछली का बीज आता है। संभवत उसी बीच के साथ इस एलीगेटर गार का बीज भोपाल आया है। इस मछली की प्रकृति होती है कि यह किसी भी वातावरण में सरवाइव कर जाती है। यही वजह है कि अमेरिका में पाई जाने वाली ये मछली भोपाल के बड़े तालाब में भी सरवाइव कर गई।
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