मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब सात महीने बचे हैं । सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने  तैयारियों में खासी गति पकड़ ली है। पार्टी में आंतरिक सर्वे के साथ टिकट बंटवारे को लेकर मानक तैयार किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सर्वे में 40 विधायक कमजोर निकले हैं, जिनके टिकट कटेंगे और दूसरे चेहरों को मौका मिलना तय माना जा रहा है। 87 सीटों पर भाजपा विधायकों की स्थिति बेहतर पाई गई है ।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उतरी भाजपा के पास चुनाव परिणाम के बाद 109 विधायक थे। हारने वालों में 13 मंत्रियों के अलावा बड़ी संख्या में विधायक थे। और भाजपा सत्ता से बाहर हो गई । करीब डेढ़ साल बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों सहित भाजपा में शामिल होने से भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। फिर, उपचुनावों के बाद भाजपा विधायकों की संख्या बढ़कर 127 हो गई।

भाजपा ने अत्यंत गोपनीय तरीके से सर्वे कराया और जिन 40 विधायकों का कमजोर प्रदर्शन पाया गया है, वहां बदलाव को लेकर मंत्रणा की जा चुकी है। जिन 87 सीटों पर स्थिति मजबूत दिख रही है, उसे विधानसभा चुनाव तक निरंतर मजबूत बनाए रखने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।