उज्जैन अवंतिका नगरी इस नगरी का उल्लेख स्कंद पुराण और प्राचीन ग्रंथों में मौजूद है। समय-समय पर त्रेता युग में अनेक देवों का उज्जैन में आगमन हुआ है। पंडित अजय व्यास के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जब 14 वर्ष के वनवास पर थे तब उनके पिता का देहांत हो गया था प्राचीन ग्रंथों के अनुसार भगवान राम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ उज्जैन शिप्रा नदी के राम घाट पर अपने पिता का तर्पण किया था। तर्पण के बाद भगवान श्रीराम ने शिप्रा तट पर मौजूद पिशाच मुक्तेश्वर महादेव के दर्शन किए थे और वहीं पर भगवान राम के पद चिन्ह आज भी मौजूद है। जिसका पूजन पाठ प्रतिदिन किया जाता है। आज रामनवमी के दिन विशेष रुप से श्रद्धालु भगवान राम के चरण स्पर्श कर श्रीराम का आशीर्वाद लेते हैं ।
इसी के पास पारिका शिवलिंग है जिसके दर्शन करने से 100 पुण्य के बराबर फल प्राप्त होता है । उज्जैन के रामघाट पर राम पैड़ी और राम मंदिर भी मौजूद है। आज रामनवमी के दिन शिप्रा नदी स्थित राम घाट पर मौजूद राम मंदिर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ।

मंदिर वीडियो ।