देश के 51 शक्तिपीठों में शुमार उज्जैन की शक्तिपीठ हरसिद्धि माता (दाहिने हाथ की कोहनी- मंगल चंडी शक्ति) परिसर में चैत्र नवरात्रि की महा अष्टमी पर्व पर नवरात्रि हवन का आयोजन किया गया । बुधवार रात 9:15 बजे आरंभ हुए यज्ञ की पूर्णाहुति नवमी की संधि बेला 11:25 पर हुई । यहां शक्तिपीठ मंदिर में विक्रमादित्य काल से ही नवरात्रि हवन अष्टमी तिथि में आरंभ होता है तथा नवमी की संधि बेला पर पूर्णाहुति होती है यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ ही नवरात्रि मे देवी की भक्ति की पूर्णता मानी जाती है । शक्तिपीठ हरसिद्धि के महंत राम चंद्र गिरी ने बताया कि यज्ञ में शक्ति पीठ के महंत पुजारी गण श्रद्धालुओं ने भाग लिया तथा , एक क्विंटल शुद्ध घी सहित यज्ञ सामग्री की आहुति दी गई और सर्व मंगल विश्वकल्याण की कामना की गईl मध्य प्रदेश का उज्जैन नगर एकमात्र ऐसा स्थान है जहां ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर शिव तथा माता हरसिद्धि मंगल चंडी शक्ति के रूप में विराजित है तथा महाकाल वन परीक्षेत्र में पूरी आस्था और विश्वास के साथ शिवरात्रि के बाद नवरात्रि पर्व पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है । यहां नित्य दो विशालकाय दीपस्तंभ प्रज्वलित किए जाते हैं जिसमें 1100 दीपक एक साथ ज्वाला स्वरूप में प्रज्वलित दिखाई देते हैं, इनके दर्शन से तथा रोशनी के आवरण से श्रद्धालु गण के सभी कष्ट अंधकार दूर होते हैं तथा मंगल कार्य आरंभ हो जाते हैं ।
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