मनुष्य और जानवर के रिश्ते की अनूठी मिसाल उज्जैन में देखने को मिली है । रविवार को उज्जैन के नयापुरा निवासी कैलाश गेहलोत के निधन के बाद उनके घर से निकली अंतिम यात्रा में उनके घर के आसपास और गलियों में रहने वाला एक श्वान अंतिम यात्रा में चक्रतीर्थ तक गया और जब स्वर्गीय कैलाश जी को पंचतत्व में विलीन किया गया तब यह श्वान जलती चिता के सामने जिस तरघटी पर लेटा कर कैलाश जी को लाया गया था उस पर बैठकर बहुत देर तक अफसोस मनाता रहा ।

नयापुरा निवासी शव यात्रा में शामिल मनीष खंडेलवाल जी ने बताया कि भरावा बाखल नयापुरा उज्जैन से कैलाश गेहलोत की शवयात्रा प्रारंभ हुई तो शवयात्रा के साथ साथ एक श्वान भी संपूर्ण यात्रा के साथ घर से लेकर श्मशान तक साथ चलता रहा जब शरीर को पंचमहाभुत को समर्पित किया गया तो वह जिस तरघटी पर शव लाया गया उस पर बैठकर बहुत देर तक उदास बैठा रहा पुरे समय वह शव के आसपास ही रहा मानो की उस श्वान और मृत व्यकति का कोई अनंत् प्रेम रहा हो वह मुंह से तो कुछ नही बोल पा रहा था पर पर अपनी भाव भंगिमा से बङा दुख और शोक संपूर्ण समय प्रदर्शित करता रहा , जब सब घर की ओर लोटे तो बड़ी मुश्किल से श्वान को लाया गया ।