उज्जैन ।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में कर्मचारियों के साथ 13 करोड़ से अधिक के गबन में नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है । 13 करोड़ में से लगभग 9 से 10 करोड़ रुपए जेल के सिर्फ तीन सिपाहियों के खातों में ट्रांसफर हुए है । इनमें एक फरार बाबू रिपुदमन है व शेष दो खाताधारक भी जेल के ही सिपाही है । इनके खातों में लेन-देन का खुलासा होते ही उक्त दोनों सिपाही भी गायब हो गए है ।
केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में 100 से अधिक कर्मचारियों का डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड जिस फर्जी तरीके से निकालकर गबन किया गया है, उसने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचाकर रख दिया । दो दिन से जेल मुख्यालय भोपाल का दल यहां दफ्तर, बैंक, और जेल घूम रहा है तो मंगलवार को भोपाल से ट्रेजरी शाखा की जांच कमेटी भी उज्जैन आ पहुंची । इस बीच कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम व एसएसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल ने क्रिमिनल जांच के लिए अलग से पुलिस की एसआईटी गठित कर दी । एसआईटी ने मंगलवार को जब बैंक में लेन-देन वाले खातों की डिटेल निकलवाई तो जेल के बाबू रिपुदमन, सिपाही शैलेंद्र व एक अन्य सिपाही के खातों में 9 से 10 करोड़ रुपए का लेन-देन सामने आया ।

भोपाल से संयुक्त संचालक लेखा विश्वजीत झारिया 8 सदस्यीय टीम के साथ ट्रेजरी में जांच कर रहे है । वे ये पता करने में जुटे है कि दो साल से कर्मचारियों का पैसा एक ही खाते में जा रहा था तो तकनीकी गड़बड़ी कहां थी । हालांकि झारिया ने स्पष्ट तौर पर डीडीओ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है ।

एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने कहा की अब उनकी जाँच इस बात पर केन्द्रित रहेगी की कितने कर्मचारियों ने DPF के लिए आवेदन किए है और कितने कर्मचारियों के नाम से फर्जी आवेदन किए जा रहे है ।

दूसरी और जेल के वे कर्मचारी जिनके खातो से रुपए गए है उन्होंने ने भी मोर्चा खोल दिया है । बुधवार को जेल परिसर में कर्मचारी धरने पर बैठ गए और जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की ।

क्या कहा भोपाल से जांच करने आए जेल डीआईजी मंशाराम पटेल ने ।