उज्जैन के न्याय प्रिय राजा सम्राट विक्रमादित्य के विक्रमसंवत् और काल गणना के हिसाब से मध्य प्रदेश का कैलेंडर अब छप कर आएगा। आजादी के पहले यह कैलेंडर विक्रम संवत् के आधार पर ही छपता था लेकिन बाद में इसे अंग्रेजी कानून शकसंवत् के हिसाब से छापना शुरू कर दिया। 2024 का पहला कैलेंडर मध्य प्रदेश शासन का छप चुका है जिसे विक्रम संवत् के आधार पर छापा गया है।

2024 का शासकीय कैलेंडर जिसे विक्रम संवत् के अनुसार प्रकाशित किया गया है।

उज्जैन । उज्जैन के न्यायप्रिय राजा सम्राट विक्रमादित्य के द्वारा स्थापित किया गया विक्रम संवत् जिसे पूरा देश मानता था और मध्य प्रदेश का कैलेंडर विक्रम संवत के अनुसार ही प्रिंट होता था। आजादी के बाद भी सन् 49 के बाद तक कैलेंडर प्रकाशित होता रहा लेकिन सन् 1955, 56 में देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विक्रम संवत् को हटाकर अंग्रेजों के शकसंवत् से इस कैलेंडर को छापना शुरू कर दिया। उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय के पीएचडी धारी और विधायक बनने के बाद मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री बने डॉ. मोहन यादव ने राजा विक्रमादित्य के इतिहास को लेकर अनेकों काम किए । डॉ. मोहन यादव ने राजा विक्रमादित्य के नाट्य मंचन का आयोजन किया जिसे पूरे देश भर में सराहा गया। वह लगातार इस प्रयास में थे कि विक्रम संवत के आधार पर मध्य प्रदेश शासन का कैलेंडर पुनः प्रकाशित हो और मध्य प्रदेश के पाठ्यक्रम में राजा विक्रमादित्य को शामिल किया जाए। राजा विक्रमादित्य के प्रमाणों से संबंधित उन्हें पुख्ता करने के लिए समय-समय पर उज्जैन के पूराविद डॉ. श्याम सुंदर निगम, डॉ भगवती लाल राजपुरोहित, डॉ. नारायण व्यास, डॉ. आर सी ठाकुर एवं डॉ. रमन सोलंकी द्वारा लगातार उज्जैन सहित अनेक स्थानों पर विक्रमादित्य से संबंधित कई प्रमाण खोजे गए और लगभग 18 पुस्तक राजा विक्रमादित्य के महान पराक्रम को लेकर छापी गई पुस्तकों को प्रकाशित करने में डॉ. मोहन यादव का अथक सहयोग रहा। डॉ. यादव सम्राट विक्रमादित्य के विक्रम संवत् को मध्य प्रदेश के शासकीय कैलेंडर में शामिल करने के लिए लगातार प्रयास करते रहे। डॉ. मोहन यादव जैसे ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उन्होंने अंग्रेजों के शकसंवत् को हटाकर विक्रमसंवत् को लागू करने का काम शुरू कर दिया। और आखिरकार वह भारतीय संस्कृति के गौरव इतिहास को जीत दिलाने में सफल हुए और विदेशी संस्कृति से छपने वाले मध्य प्रदेश शासन के कैलेंडर को भारतीय संस्कृति से छापने का निर्णय ले लिया गया। इस संबंध में विक्रमादित्य शोध संस्थान के निदेशक डॉ. श्रीराम तिवारी ने बताया कि 68 वर्ष बाद सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अथक प्रयासों से मध्य प्रदेश शासन के कैलेंडर में विक्रम संवत् को शामिल किया है। अब यह कैलेंडर अंग्रेजों के शकसंवत् के आधार पर नहीं विक्रमादित्य के विक्रम संवत् के आधार पर प्रकाशित होगा। 2024 का प्रथम कैलेंडर छप चुका है जिसमें विक्रम संवत् को शामिल किया गया है।

2024 के लिए प्रकाशित हुआ मध्य प्रदेश शासन का शासकीय कैलेंडर।