पूरे प्रदेश में जहां ओलावृष्टि से हुई फसलों के नुकसान से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है वहीं उज्जैन जिले का एक गांव ऐसा भी है जहां कभी ओलावृष्टि नहीं होती है ।

उज्जैन के चिंतामन रोड पर मंगरोला ग्राम में खेड़ापति हनुमान जी का मंदिर बड़ा चमत्कारी मन्दिर है 1987 में पूरे ग्राम मंगरोला में हाहाकार मचा हुआ था ओलावृष्टि के कारण पूरे ग्राम में फसले चोपट होने के साथ पशु पक्षियों की ओलावृष्टि के कारण सैकड़ों की संख्या में मौत हो गई थी। ग्रामीणों में ओलावृष्टि से काफी डर का माहौल पूरे ग्राम में बना हुआ था। तभी एक संत गांव पहुंचे और उन्होंने ग्राम वासियों को ओलावृष्टि से बचाने का उपाय बताया और कहा कि मंदिर के बाहर हनुमान अष्टमी के दिन उल्टा हल लगाया जाए उल्टे हल पर गोबर से कंडा तैयार किया जाए और उस पर मंत्रोचार कर झंडे के ऊपर उल्टे हल पर आटा छानने की छलनी लगाई जाए इससे पूरे ग्राम में कभी भी ओलावृष्टि नहीं होगी और ना ही ओलावृष्टि के कारण किसी भी प्रकार की जनहानि और फसलों और पशु पक्षियों को नुकसान होगा ग्रामीणों ने यह सब किया और तब से लेकर आज दिनांक तक हनुमान अष्टमी के दिन गांव के मंदिर में उल्टा हल लगाया जाता है, हल लगाने के पहले रामायण कर पूजा पाठ विधि विधान के साथ हनुमान मंदिर में किया जाता है। पूरे ग्रामवासी इस दिन यहां पर मौजूद रहते हैं। और फिर गंगा दशहरे के दिन विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर उल्टा हल यहां से निकाला जाता है। और उस दिन पूरे ग्रामवासी का यहां पर भंडारा भी आयोजित होता है। तब से लेकर आज दिनांक तक उज्जैन के मंगरोला गांव में किसी प्रकार की कोई ओलावृष्टि नहीं हुई ।

मंगरोला गांव के निवासी भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री और किसान नेता भरत सिंह बैस सहित ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में ओलावृष्टि से फसलें नष्ट हो चुकी है लेकिन उज्जैन के हमारे मंगरोला गांव में एक भी ओला नहीं गिरा है और सभी फसलें सुरक्षित हैं । उल्टे हल की स्थापना के समय इस स्थान पर एक कच्चा चबूतरा हुआ करता था जिस पर उल्टे हल की स्थापना की गई थी फिर यहां ग्रामीणों ने स्वयं भव्य मंदिर का निर्माण किया ।

वीडियो गांव के मंदिर में लगा उल्टा हल ।